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Tipu Sultan Biography in Hindi -Tiger of Mysore | टिपू सुल्तान का इतिहास

टिपू सुल्तान – ‘म्हैसुर का शेरइस नाम से टिपू सुल्तान को जाना जाता है। भारत के महान और शुर राजाओं में से एक टिपू सुल्तान को इतिहास ने दर्ज किया है।
पूरा नाम  – सुल्तान फतेह अली खान शाहाब
जन्म       – 20 नव्हंबर 1750
जन्मस्थान युसुफाबाद (कर्नाटक)
पिता       –  हैदर अली
माता       – फतीमा फकरुन्निसा
शिक्षा      फार्सी, कानडी, उर्दू, अरबी इस भाषा पर प्रभुत्त्व। उन्होंने खुद के गणित और शास्त्र के आधार पर पंचाग तयार किया था।
विवाह     – सिंध सुल्तान के साथ।

टिपू सुल्तान का इतिहास

15 साल के उम्र से टिपू सुल्तान ने अपने पिता हैदर अली के साथ जंग मे हिस्सा लेने की शुरवात की। वो बहोत अभिमानी और आक्रामक स्वभाव का था। वो गुरिल्ला युद्ध से जंग लढ़ने मे माहिर था। रात कभी भी छापा डालना, समझौताशांति पालन करना, समय आनेपर पीछे हटकर छापा डालना ऐसे प्रकार भी वो करते थे।
                                                       
साम्राज्य विस्तार और राज्य मजबूत बनाने के लिये वो सभी तरह के प्रयास किये। फ्रेंच के संबध आने पर सैनिको का आधुनिकीकरण किया।
ख्रिश्चनीकरण के खिलाफ धर्म बदल के मोहीम चलायी। आसपडोस के देशों से व्यापार संबध अच्छे करने के लिये प्रयास किये। टिपू सुल्तान 17 साल सरकार चलाया। उन्होंने खुद की काल गिनती शुरु की। माप-वजन-सिक्के इसमे बदल किये। टिपू सुल्तान को ग्रंथ संग्रह करने का शौक था।फर्मानबनामअलीराज्यऔरफतहउलमुजहिददीनइन दो ग्रंथो की रचना उन्होंने की।
सैनिक और पराक्रमी टिपू सुल्तान को मात गिराने के लिये लार्ड कॉर्नवॉलीसन ने उनके खिलाफ अग्रेंज मराठा निजाम ऐसा संघ स्थापन किया।
1799 के आसपास वेलस्लिने टिपू सुल्तान के खिलाफ जंग शुरु की। उसमे उनकी मौत हुयी। लेकीन प्रजाहितदक्ष शासक, उच्च न्यायाधीश विदेशी दोस्ती अधिकारी और सर सेनापती ऐसे रोल करने वाले टिपू सुल्तान ने म्हैसुर का नाम दुनिया के नक्षे पर लाया। कर्नाटक के श्रीरंगपट्टना मे टिपू सुल्तान का अग्रेंजो ने धोके से कत्ल किया। फिर भी टिपू सुल्तान अग्रेंजो से आखरी सास तक लढते रहे।
विशेषता
मृत्यु – 4 मई 1799

टीपू सुल्तान के बारे में कुछ खास बाते :-
1. टीपू सुल्तान का पूरा नाम ‘सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। ये नाम उनके पिता ने रखा था।

2. टीपू सुल्तान एक बादशाह बन कर पूरे देश पर राज करना चाहता था लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी नही हुई।

4. टीपू ने 18 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के विरुद्ध पहला युद्ध जीता था।

5. टीपू सुल्तान को “शेर-ए-मैसूर इसलिए कहा जाता हैं, Q कि उन्होनें 15 साल की उम्र से अपने पिता के साथ जंग में हिस्सा लेने की शुरूआत कर दी थी। पिता हैदर अली ने अपने बेटे टीपू को बहुत मजबूत बनाया और उसे हर तरह की शिक्षा दी।

6. टीपू अपने आसपास की चीजों का इस्लामीकरण चाहता था। उसने बहुत सी जगहों का नाम बदलकर मुस्लिम नामों पर रखा। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद सभी जगहों के नाम फिर से पुराने रख दिए गए।

7. टीपू ने गद्दी पर बैठते ही मैसूर को मुस्लिम राज्य घोषित कर दिया। उसने लाखों हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें मुसलमान बना दिया। लेकिन टीपू की मृत्यु के बाद वे दोबारा हिंदू बन गए।

8. टीपू सुल्तान की तलवार पर रत्नजड़ित बाघ बना हुआ था। बताया जाता हैं कि टीपू की मौत के बाद ये तलवार उसके शव के पास पड़ी मिली थी।

9. टीपू सुल्तान की तलवार का वजन 7 किलो 400 ग्राम है. आज के समय में टीपू की तलवार की कीमत 21 करोड़ रूपए हैं।

10. टीपू सुल्तान दुनिया के पहले राॅकेट अविष्कारक थे। ये राॅकेट आज भी लंदन के एक म्यूजियम में रखे हुए हैं। अंग्रेज इन्हें अपने साथ ले गए थे।

11. टीपू ‘राम नाम की अंगूठी पहनते थे, उनकी मृत्यु के बाद ये अंगूठी अंग्रेजों ने उतार ली थी और फिर इसे अपने साथ ले गए।

12. सन् 1799 में अंग्रेजों के खिलाफ चौथे युद्ध में मैसूर की रक्षा करते हुए टीपू सुल्तान की मौत हो गई।


13. 12 बच्चों में से टीपू सुल्तान के सिर्फ़ दो बच्चों के बारे में पता चल पाया है, जबकि 10 बच्चों की जानकारी आज भी किसी के पास नहीं हैं


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